क्यों नहीं है कोटद्वार में अमर शहीदों के नाम पर कोई मार्ग ? – अधिवक्ता रोहित डंडरियाल (प्रत्याशी UKDD)

क्यों नहीं है कोटद्वार में अमर शहीदों के नाम पर कोई मार्ग ? – अधिवक्ता रोहित डंडरियाल (प्रत्याशी UKDD)
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कोटद्वार गढ़वाल *** यूकेडीडी के प्रत्याक्षी, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता, रोहित डंडरियाल ने पुरानी सरकारों पर सवाल उठायें हैं, उन्होंने कहा कि कोटद्वार से भी कितने ही शहीद हुए हैं पर यहाँ पर एक भी शहीद ने नाम पर कोई मार्ग नहीं है, ये सबसे शर्म की बात है, जो लोग कहते हैं कि हम आर्मी का फेवर करते हैं तो उन्होंने किसी शहीद के नाम पर कोई मार्ग क्यों नहीं बनवाया, किसी चौक का नाम किसी शहीद के ऊपर क्यों नहीं है. किसी भी छोटे चौक का नाम किसी शहीद के नाम पर करके तो देखिए, उनके परिवारों को कितना अच्छा लगेगा. शहीदों के परिवारों को केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही याद किया जाता है, उसके बाद उनकी कोई सुध नहीं ली जाती है. सरकार को चाहिए कि हमें आने वाली पीढ़ियों को भी बताना चाहिए कि देश के लिए कौन शहीद हुआ है,,,

बेरोजगारी के मुद्दे पर उनका कहना है कि गढ़वाल का द्वार एवं राजा भरत की जन्मस्थली वाला पावन शहर कोटद्वार आज बेरोजगारी के दंश को झेल रहा है । इतने विशाल नगर में अभी तक क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं हो पाई । इस क्षेत्र ने कई नेताओं को राज्य के मंत्रीमंडल से लेकर देश की संसद तक पंहुचाया है लेकिन किसी ने भी इस शहर को पलटकर देखा तक नहीं,,,

उनका कहना है कि हमारे यहाँ इतना बुरांश होता है, अगर 20 साल मै हम चाहते तो बुरांश के जूस को इतना फेमस कर देते उसके सामने और कोई जूस कुछ भी नहीं होता, सरकार चाहती तो पहाड़ों के माल्टे, मौसमी, और भी कई फल है जिनके लिए वहीं क्षेत्र मैं प्रोसेसिंग प्लांट लगवाकर, वहां के लोगों की आर्थिकी को मजबूत किया जा सकता था, स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होते तो पलायन पर भी कुछ हद तक अंकुश लग सकता था. ये काम हो सकता था पर सरकारों ने कभी इच्छाशक्ति दिखाई ही नहीं,,,।

K3 India

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