अभिभावकों पर डाला बिल्डिंग फीस का भार,स्कूल प्रबंधक पुराने भवनों के नाम पर बच्चों से वसूल रहे बिल्डिंग फीस,,,।
हरिद्वार निजी स्कूलों ने फीस के अलावा अन्य मदों से वसूली करनी शुरू कर दी है। स्कूल पुराने भवनों में ही संचालित हो रहे और बच्चों से बिल्डिंग फीस ली जा रही है। इस बात को लेकर अभिभावकों में रोष बना है।
एक बार बिल्डिंग बन गई है तो फिर कब तक उसके नाम पर फीस वसूली जाती रहेगी। सरकार को खुद ही अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए :प्रियंका,प्रीतविहार
स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से भवन फीस वसूलता है। शिक्षा विभाग की खामोशी से स्कूल प्रबंधन मनमानी पर उतारू हैं। कार्रवाई होनी चाहिए : पूरन सिंह, सुभाषनगर
निजी स्कूल अभिभावकों को लूटने का अड्डा बन गए हैं। अधिकतर स्कूलों में पुराने भवनों में ही शिक्षण कार्य चलता है। लेकिन बिल्डिंग फीस हर साल वसूली जा रही है : निशा, शास्त्री नगर
स्कूलों की ओर से बिल्डिंग फीस के नाम पर लिए गए पैसे का कोई प्रयोग भी नहीं हो रहा है। मनमानी करते हुए बिल्डिंग फीस ली जा रही है। जबकि यह तो स्कूलों की जिम्मेदारी है : अरविंद कुमार, भेल
अच्छी शिक्षा के देने के चक्कर में अभिभावकों की ओर से पब्लिक स्कूलों में अपने बच्चों का नाम लिखवाया जाता है। लेकिन पब्लिक स्कूल संचालक इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं। वह स्कूलों में प्रवेश के नाम पर बिल्डिंग फीस भी वसूल रहे हैं।
जबकि स्कूल संचालकों की ओर से एक बार भवन बनाकर तैयार कर दिया जाता है। जिसमें सालों सालों तक बिना कोई कार्य कराए शिक्षण कार्य चलता रहता है। बावजूद इसके पुराने भवनों के ढांचे में कोई परिवर्तन और मरम्मतीकरण किए बगैर तीन से पांच-पांच हजार रुपये लिए जा रहे हैं। बड़े नामी पब्लिक स्कूल प्रबंधनों की ओर से तो 20 हजार रुपयेतक लेकर अभिभावकों की जेबें खाली की जा रही हैं। निजी स्कूलों की मनमानी और प्रदेश सरकार की चुप्पी से अभिभावक हैरान है।