फसलों की पराली, गन्ने की पत्तियों आदि को जलाने पर पूर्णतः प्रतिबंध,,,।

फसलों की पराली, गन्ने की पत्तियों आदि को जलाने पर पूर्णतः प्रतिबंध,,,।
Spread the love

हरिद्वार/उत्तराखंड *** जिलाधिकारी एवम जिला मजिस्ट्रेट धीराज सिंह गर्ब्याल आदेश जारी करते हुए बताया कि वर्तमान में राज्य के कई हिस्सों में वनाग्नि की घटनाएं घटित हो रही है। जिससे व्यापक हानि भी प्रदर्शित हुई है। पूर्व में ऐसा देखा गया है कि जनपद हरिद्वार में अधिकांश कृषको / काश्तकारों द्वारा गेहूँ की फसल कटाई के उपरांत बचे हुए अवशेष को एवं गन्ने की पत्तियों को जलाया जाता हैं। जो भारतीय दण्ड संहिता 1860 एवं वायु प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के अंतर्गत एक कानूनी अपराध है। वर्तमान में प्रचण्ड गर्मी के कारण तापमान में ओर वृद्धि होने की सम्भावना है। ऐसे में गेहूँ की फसल कटाई के उपरांत बचे हुए अवशेष एवं गन्ने की पत्तियों को जलाये जाने से इस बात की प्रबल सम्भावना है कि तेज हवा के कारण नजदीक के जंगलो के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी अग्निकांड कारित हो सकता है। अतः इस पर तत्काल रोक लगाया जाना आवश्यक हैं।
जिलाधिकारी एवम जिला मजिस्ट्रेट धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनहित में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30 के उपबन्धों में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद हरिद्वार अंतर्गत अग्रिम आदेशों तक फसलों की पराली, गन्ने की पत्तियों आदि को जलाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाता हैं। यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जायेगी। वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं कृषि विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार निगरानी सुनिश्चित की जायेगी।
उन्होंने कृषि, राजस्व, पुलिस सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आदेशों का कडाई से अनुपालन तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए

K3 India

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *