सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन अपडेट : चंद घंटों में मिल सकती है खुशखबरी,,,।

सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन अपडेट : चंद घंटों में मिल सकती है खुशखबरी,,,।
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सीएम धामी ने बौख नाग देवता से की श्रमिकों की सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना।मुख्यमंत्री ने टनल में फंसे श्रमिकों से बातचीत कर उनका हाल जाना।नई जिंदगी से महज ’12 कदम’ दूर हैं 41 मजदूर, टनल में घुसी NDRF की टीम, मोर्चे पर CM धामी भी मौजूद।

Uttarakhand Tunnel Collapse Rescue

उत्तरकाशी/उत्तराखंड *** उत्तरकाशी में टनल हादसे के आज 12 वे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग के मुहाने पर स्थापित किए गए बौख नाग देवता के मंदिर में शीश नवाया और श्रमिकों के सकुशल बाहर आने के लिए प्रार्थना की। उन्होंने टनल में फंसे गब्बर सिंह नेगी और सबा अहमद से बात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्हें तेजी से चल रहे रेस्क्यू आपरेशन के बारे में भी जानकारी दी। दोनोें श्रमिकों ने मुख्यमंत्री को सभी श्रमिकों के स्वस्थ और सुरक्षित होने की जानकारी भी दी।

इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री धामी से रेस्क्यू आपरेशन की जानकारी मांगी। धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों व प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत और बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री को मौके पर श्रमिकों के उपचार, देखभाल के लिए चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा व अस्थायी हास्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के बारे में बताया। किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिए जाने की जानकारी भी दी। श्रमिक बधुओं व उनके परिजनों से हो रही बातचीत व उनकी कुशलता की भी जानकारी की।

बता दें कि टनल में फंसे 41 मजदूर बाहर निकालने के लिए देश-विदेश से मशीनों को एयरलिफ्ट कर लाया गया है। साथ ही टनल विशेषज्ञों की देखरेख में वहां रेस्क्यू कार्य हो रहा है। रात ड्रिलिंग का कार्य जारी है। रेस्क्यू अभियान अब अंतिम चरण में है। कुछ ही घंटो में सिलक्यारा रेस्क्यू पर बड़ी अपडेट आने की संभावना है। चिन्यालीसौड़ हॉस्पिटल में डॉक्टर्स को अलर्ट मोड में रखा गया है।

रेस्क्यू अभियान के लिए बनाई जारी एस्केप टनल श्रमिकों तक पहुंचने में कुछ ही घंटे हैं। श्रमिकों को रेस्क्यू कर अस्पताल ले जाने के लिए 25 एंबुलेंस पहुंच चुकी है। अग्रिम आदेशों तक उत्तरकाशी जनपद में सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। जो चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी छुट्टी पर थे, उनकी छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए गए हैं। स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर ही श्रमिकों को अस्थायी अस्पताल सिलक्यारा, जिला अस्पताल या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट भेजा जाएगा। श्रमिकों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजने के लिए भी तैयारी है।

इस दौरान वहां पिछले कई दिनों से रेस्क्यू आपरेशन की निगरानी कर रहे केंद्रीय सड़क, परिवहन और नागर विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह भी मौजूद रहे।

Uttarakhand Tunnel Collapse Rescue  उत्तरकाशी टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है. टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल तैयार है। श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है. उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं. सुरंग स्थल के पास एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं. जहां वो उस पल के साक्षी बनेगें जब 41 मजदूर टनल से बाहर आएंगे.
उत्तरकाशी: कहते हैं कि हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती, और इस कहावत को चरितार्थ किया सिलक्यारा टनल हादसे में 12 दिनों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले तमाम एजेंसियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, आईटीबीपी, और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम, जो लगातार 24 घंटे रेस्क्यू में जुटी हुई है और साथ ही उन 41 मजदूरों की भी, जो 12 दिनों से टनल के अंदर अपनी जिंदगी और मौत से डट कर सामना कर रहे हैं. जी हां अब जल्द ही पहाड़ की सीना चीरकर 41 जिंदगियां, आखिरकार बाहर आने वाली हैं. सिलक्यारा सुरंग में अब हलचल बढ़ गई है. ऐंबुलेंस, ऑक्सीजन और बेड की तैयारी देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि जल्‍द ही 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा. एनडीआरएफ के 10 से 12 जवान रस्सी, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर टनल के अंदर गए हैं.

इससे ये साफ है कि जल्द ही रेस्क्यू को सफलतापूर्वक खत्म किया जाएगा और अंदर फंसे मजदूर बाहर आ जाएंगे. बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा, जिसकी तैयारी की जा रही है. एनडीआरएफ ने भी बचाव की ब्रीफिंग शुरू कर दी है. टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे. बताया जा रहा है कि 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब केवल 12 मीटर ड्रिलिंग का काम बाकी है, जिस पर काम जारी है.

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उत्तरकाशी टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है. टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल तैयार है। श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है. उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं. सुरंग स्थल के पास एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं. जहां वो उस पल के साक्षी बनेगें जब 41 मजदूर टनल से बाहर आएंगे.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के स्थलीय निरीक्षण हेतु उत्तरकाशी पहुंच रहा हूं. वहीं अभी से ही हेलीपैड पर 41 एंबुलेंस को तैनात कर दिया है. सभी एबुलेंस पर डॉक्टरों की एक टीम मौजूद है. क्योंकि मजदूरों की संख्या 41 है. इसलिए एंबुलेंस भी 41 ही मंगवाई गई हैं.

वहीं ये भी कहा जा रहा है कि जैसे ही मजदूरों को टनल से रेस्क्यू कर बाहर लाया जाएगा, उस वक्त आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया जाएगा. बता दें कि सभी 41 मजदूर दिवाली के दिन से ही टनल में फंसे थे, जिसके चलते उनकी और उनके परिवार, साथ ही रेस्क्यू में जुटी टीमों की दिवाली नहीं मनी थी. जिसको देखते हुए आज सफल रेस्क्यू होने पर बाहर दिवाली मनाए जाने की संभावना है।

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