NPS कर्मियों ने विजयदशमी पर किया NPS रूपी रावण का दहन- कहा सरकार शीघ्र करे पुरानी पेंशन बहाल,,,।
पौड़ी गढ़वाल/देहरादून ***राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत के दिशा निर्देश में सम्पूर्ण भारत व प्रदेश के nps कर्मियों ने Nps के काले कानून NPS रूपी रावण का दहन किया गया। इसी क्रम में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के सदस्य कर्मियों ने रावण दहन करते हुए सरकार को सन्देश दिया कि जिस प्रकार से रावण ने सीता का हरण किया था उसी प्रकार तत्कालीन सरकार ने कार्मिकों की OPS योजना का हरण किया है इसलिए उसके स्थान पर लागू की गई nps योजना रूपी रावण का दहन कर सरकार को सन्देश देना चाहते हैं की शीघ्र इस योजना को बन्द कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए,,,
मोर्चा के जनपद अध्यक्ष अनिल जोशी ने कहा कि सरकारी कर्मचारी वर्षों तक दिन-रात देश की सेवा में जुटा रहता है परंतु सेवानिवृत्ति के बाद उसे नाम मात्र की धनराशि वाली पेंशन पकड़ा दी जाती है जिसमें एक हफ्ते का गुजारा भी होना संभव नहीं है। यह गम्भीर अन्याय है
मोर्चे के उपाध्यक्ष शंकर सिंह नायक ने कहा कि इस नई पेंशन योजना में यदि इतनी ही खुशियां हैं तो विधान सभा के एक सत्र में 120 फीसदी अपना वेतन, भत्ते और पेंशन बढ़वाने वाले नेता इसे स्वयं ले ले और हमें पुरानी पेंशन दे दे।
मोर्चे के जिला कोषाध्यक्ष हेमंत पन्त ने कहा कि कर्मचारी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखते रखते थक चुके हैं संभव है कि सरकारी उदासीनता से क्रांति का कोई ज्वालामुखी फटेगा। जिसका गुबार आने वाले समय मे सियासी आसमान में देखने को मिलेगा। आज विजयादशमी के अवसर पर इस nps रूपी रावण का दहन कर कार्मिक OPS रूपी दिवाली की ओर आशावान है,,,
वरिष्ठ मिनिस्ट्रियल कर्मचारी नेता श्री भुवन जोशी ने कहा कि गत वर्ष से लगातार नई पेंशन आच्छादित कर्मी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर प्रयासरत हैं परंतु सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रही संभवत इसके भयावह परिणाम आने वाली समय में देखने को मिलेंगे।
मोर्चे के सदस्य लक्ष्मण सिंह बोरा ने कहा की प्रदेश के समस्त एनपीएस कर्मियों ने प्रत्येक तरीके से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है सरकार से वार्ता के बाद भी इस अहम मांग को नज़रंदाज़ किया जा रहा है। तो हमारा भी यह सोचना बनता है कि जब हमारा भविष्य सुरक्षित नही तो नीति नियंताओं का भी क्यो हो,,,
प्रदेश संयोजक मिलिन्द बिष्ट ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहेंगी परंतु कर्मचारी सदैव बने रहेंगे लगातार वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद यदि नई पेंशन में भूखे ही मरना है तो क्यों ना एक मजबूत संदेश देकर कर्मचारियों की मांगों पर कान बंद कर बंद कर लेने वाली सरकार को मजबूत जवाब दिया जाए। विजयादशमी पर रावण दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का परिचायक है संसद में बैठकर अपनी शक्ति का गलत प्रयोग कर कर कर्मचारियों के अहित में जिस नई पेंशन योजना को लागू किया गया था वह भली भांति कार्मिकों को स्मरण है अतः शीघ्र सरकार से निवेदन है कि वह पुरानी पेंशन की बहाली कर सभी कर्मचारियों को और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करे। कार्यक्रम में सभी विभागों के विभिन्न कर्मचारी उपस्थित रहे।