नशा करने वालों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर NDPS एक्ट के प्रवधानों को चनौती,,,।
NDPS Act के कुछ मुख्य प्रविधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि ड्रग तस्करों, पेडलर्स और उपभोक्ताओं के बीच कानूनी अंतर होना चाहिए।
इस याचिका में उपभोक्ता को सजा का प्रावधान खत्म करने की मांग की गई है। यह याचिका अधिवक्ता जयकृष्ण सिंह ने दायर की है और उन्होंने एनडीपीएस एक्ट की धारा 27ए, 35, 37 और 54 को चुनौती दी है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि कानूनी तौर पर ड्रग तस्करों, पेडलर्स और उपभोक्ताओं के बीच अंतर होना चाहिए। उनका कहना है कि तस्करों और पेडलरों को दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन उपभोक्ता के प्रति सहानुभूति रखते हुए उन्हें अपराध की धाराओं से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने उपभोक्ता को सजा का प्रावधान खत्म करने की मांग की है।
जयकृष्ण सिंह ने याचिका में मांग की है कि उपभोक्ता को नशा पीड़ित मानकर पुनर्वास केंद्रों पर भेजने का प्रावधान किया जाए। सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि इस अधिनियम के आधार पर आर्यन के साथ सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया
उन्होंने कहा कि जब दुनिया भर में नशा करने वालों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया तो देश में यह एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध है। उन्होंने इसे सबसे बड़ी विसंगति बताया।