राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा आगामी 5 फरवरी को श्रीनगर में पेंशन पुकार रैली का आयोजन करेगा,,,।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा आगामी 5 फरवरी को श्रीनगर में पेंशन पुकार रैली का आयोजन करेगा,,,।
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श्रीनगर गढ़वाल/उत्तराखंड *** राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा आगामी 5 फरवरी को श्रीनगर में पेंशन पुकार रैली का आयोजन करेगा l इस रैली का समापन मां धारी देवी के चरणों में पेंशन पुकार से होगा l
यह निर्णय राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की ऑनलाइन बैठक में लिया गया l
बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि एक और जहां देश के अर्थशास्त्री पुरानी पेंशन को सरकारों पर बोझ बताने पर तुले हुए हैं, वही दूसरी ओर कांग्रेस व उसकी समर्थित सरकारें इस पुरानी पेंशन को एक बाद एक लागू कर रहीं हैं।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय कोषाध्यक्ष रणवीर सिंधवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना 2004 के उपरांत से कर्मचारियों के लिए बंद है। इसके स्थान पर सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की है। जिसमें पेंशन के लिए सरकारी कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती प्रतिमाह होती है जिसमे राज्य अथवा केंद्र के 14 प्रतिशत द्वारा अंशदान देकर कर्मचारी के पूरे सेवाकाल के दौरान जमा किया जाता है। इस पैसे को सरकार शेयर बाजार में निवेश करती है जिससे मुनाफा मिलता है और यह मुनाफा और मूल धन जमा होकर एक धनराशि बनती है जिसके 40 प्रतिशत से कर्मचारी पेंशन की खरीद करते हैं जो उन्हें मासिक प्रदान होती है। शेष 60 प्रतिशत कर्मचारी को वापस मिल जाता है परन्तु इस योजना में कर्मचारी का पैसा बाजार के उछाल और गिरावट से होता हुआ अंतिम कुल धनराशि तक पहुंचता है, जिस कारण अपेक्षित जमा धनराशि से मिलने वाला फायदा काफी कम है । जिसके कारण मिलने वाली पेंशन अत्यंत कम है जो कि बमुश्किल 3000 रु महीना है। जिसमें गुजारा होना मुश्किल है।

NPS के एक घाटे का उदाहरण देते हुए प्रांतीय आईटी सेल प्रभारी अवधेश सेमवाल ने बताया कि हम कृष्णनमूर्ति का उदाहरण ले सकते हैं. मूर्ति 30 साल की सेवा के बाद 5 फरवरी 2034 को रिटायर हो जाएंगे.
मान लीजिए उनके रिटायरमेंट में दो दिन बचे हैं. वह अपनी रिटायरमेंट बचत के इक्विटी हिस्से को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में लगा चुके हैं. जब वह अपने खाते को चेक करते हैं, तो सन्न रह जाते हैं. उनकी उम्मीद के उलट उनके खाते में 5 लाख रुपये कम क्रेडिट हो रहे हैं l
अभी पिछले हफ्ते तक उनके कुल एनपीएस जमा में इक्विटी का हिस्सा 50 लाख रुपये था. लेकिन, उनके खाते में अब केवल 45 लाख रुपये दिख रहे हैं. मूर्ति अपने एनपीएस से जुड़ी फंड मैनेजमेंट कंपनी को कॉल करके इसका कारण पूछते हैं. मैनेजर उन्हें कहता है कि वैश्विक तेल संकट और स्थानीय बजटीय नीतियों के कारण बीते सप्ताह बाजार 6 फीसदी लुढ़क गया है l
वैसे, गिरावट के कारण बाजार के लिये काफी सामान्य हैं, लेकिन सेवानिवृत्त होते मूर्ति को इससे 5 लाख रुपये का नुकसान हो गया l
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत का कहना था कि
हास्यास्पद यह है कि समय समय पर सरकार की ओर से नई पेंशन योजना के पक्ष में कई तर्क दिए जाते रहे हैं और वे सब जो एन पी एस के पक्ष में तर्क देते रहे हैं चाहे सरकारों के अर्थशास्त्री हों , चाहे सांसद हों या विधायक हों सब के सब पुरानी पेंशन से आच्छादित हैं।
तो ये स्पष्ट है कि केवल एक शिगूफा बनाया जा रहा है कि नई पेंशन अच्छी है।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ कमलेश कुमार मिश्र का कहना है कि पुरानी पेंशन पर संयुक्त मोर्चा ने 9 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच कश्मीर से कन्याकुमारी तक पेंशन न्याय यात्रा का आयोजन भी किया था जिसके क्रम में यात्रा श्रीनगर, जालंधर , दिल्ली, देहरादून ,मध्यप्रदेश, तेलंगाना, सहारनपुर, कर्नाटक सहित कई शहर और राज्यो से होकर तमिलनाडु पहुंची और कन्याकुमारी में इसका समापन किया गया ।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के मंडल महामंत्री नरेश कुमार भट्ट ने कहा कि
प्रयासों और जागरुकता के फलस्वरूप राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब के बाद हाल ही में हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली हुई है।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के मंडली संरक्षक जसपाल सिंह रावत ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के उदाहरण देते हुए बताया कि यह कर्मचारियों का शोषण है l

👉कहानी नम्बर 1-

अंतिम वेतन80000 रु
NPS पेंशन1272 रु

नाम- त्रिमूर्ति सिंह नेगी
नियुक्ति तिथि25 मार्च 2006
सेवा अवधि- 14 वर्ष
सेवानिवृति- 31मार्च 2019

कार्यस्थल- राजकीय इंटर कॉलेज चोपडियू*
पाबौ पौड़ी गढ़वाल।

जिम्मेदारियां
1 बेटे और 1 बेटी की पढ़ाई व विवाह होना शेष
आवास ऋण- 21 लाख किश्त – 20000 मासिक
पत्नी- मधुमेह रोगी

👉कहानी नम्बर 2

अंतिम वेतन- 78000
NPS पेंशन- 1182 रु

नाम- सुभाष चंद्र डबराल
नियुक्ति तिथि18 सितम्बर 2004
सेवा अवधि14 वर्ष
सेवा निवृत्त31 मार्च 2018
कार्यस्थलराजकीय इंटर कॉलेज दोन्दल, कल्जीखाल पौडी गढ़वाल।

जिम्मेदारियां
2 बेरोजगार बेटे, उनका विवाह

👉कहानी नम्बर 3

अंतिम वेतन76000
NPSपेंशन473 रु

नामभागीरथ प्रसाद पन्त
नियुक्ति तिथि- मार्च 2006
सेवा अवधि11 वर्ष
सेवा निवृति31 मार्च 2017
*कार्यस्थल – रा०इ०का ० चाका , टिहरी गढ़वाल

जिम्मेदारियां

  • सभी पारिवारिक जिम्मेदारियां*

👉कहानी नम्बर 4

अंतिम वेतन76000
NPS पेंशन – * 1000 रु*

नाम – राजेश्वर प्रसाद*
नियुक्ति तिथि24/02/2004
सेवा अवधि14 वर्ष
सेवानिवृति31 मई 2018
कार्यस्थलरा०इ०का० कोटबांगर,रुद्रप्रयाग

जिम्मेदारियां
बच्चों की शिक्षा- दीक्षा व विवाह

👉कहानी नम्बर 5

अंतिम वेतन -78000
NPS पेंशन – 3532 रु

नाम – * सुंदर सिंह बिष्ट*
नियुक्ति तिथि2004
सेवा अवधि16 वर्ष
सेवानिवृति31 मार्च 2020

  • कार्यस्थल* – बागेश्वर

जिम्मेदारियां –
स्वयं रक्तचाप से ग्रसित
समस्त पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल का कहना है कि 7 जून 2020 से लगातार पुरानी पेंशन बहाली के कार्यक्रम करते हुए संयुक्त मोर्चा ऑनलाइन ऑफलाइन 50 से अधिक कार्यक्रम पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगा चुके हैं। जिसमें से पौड़ी, उत्तरकाशी, कोटद्वार, कर्णप्रयाग,देहरादून, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार आदि शहरों में हज़ारों कार्मिकों की रैली के साथ साथ दो बार मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम कर चुके हैं। जिसमें से दो बार मुख्यमंत्री से आमने सामने पुरानी पेंशन बहाली पर वार्ता हुई है, संयुक्त मोर्चा ने ही सर्व प्रथम इस बात को शासन के सामने स्पष्ट किया था कि पुरानी पेंशन बहाली केंद्र का विषय नहीं है यह राज्य सरकार का विषय है। अब हिमाचल के बाद कर्मचारी उत्तराखंड में पुरानी पेंशन बहाली के लिए सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार है।

प्रदेश अध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा का कहना है कि अब कर्मचारी यह निश्चित कर ले कि बिना बलिदान के पुरानी पेंशन बहाली सम्भव नहीं है । अब सर पर कफन बांध कर हमें पुरानी पेंशन बहाली के विरोधियों को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। अब कर्मचारियों को वेतन और भत्ते का मोह छोड़ना होगा, उससे आगे की सोच रखनी होगी।

बैठक में नवीन सैनी, अंकित रौथान, शंकर भट्ट, प्रवीण घिल्डियाल , पूर्ण सिंह फर्सवान, अजीत नेगी, ज्योति नौटियाल, सतीश कुमार सिंह, आलोक उनियाल, संदीप मैठाणी, रश्मि गौड़, शशि चौधरी, सौरभ नौटियाल, सरिता सेमवाल, मुरली मनोहर भट्ट, राकेश रावत, मनोज भंडारी, चंद्र मोहन सिंह रावत, अनसूया प्रसाद जुगरान, सतीश बलूनी, सुबोध नेगी, दिलबर सिंह रावत , गुरुदेव रावत आदि पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया l
5 फरवरी को होने वाली रैली को शिव सिंह नेगी, बलराज गुसाईं, बिजेंद्र बिष्ट, भारत बिष्ट, मंगल सिंह नेगी, राजपाल बिष्ट, भरत सिंह बुटोला, संग्राम सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह रावत, मुकेश बहुगुणा, राम सिंह चौहान, रविंद्र सिंह राणा, हेमंत पैन्यूली, आलोक रौथान, बिक्रम सिंह झिकवान, शंकर बिष्ट, योगेश रूवाली, बृज मोहन सिंह रावत, भवान सिंह नेगी, संजय नेगी, मक्खन लाल शाह, रोहित जोशी, खुशहाल सिंह रावत, जसपाल रावत, सन्तोष खंडूरी, राजीव उनियाल, हिमांशु जगूड़ी, कमल नयन रतूड़ी आदि कर्मचारी पदाधिकारियों ने समर्थन व्यक्त किया है l

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