कोटद्वार गढ़वाल/ उत्तराखंड*** 16 दिसम्बर 1971 को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर फतह हासिल कर पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक फौज को आत्म समर्पण के लिए मजबूर कराया, पाकिस्तान के 02 टुकड़े करते बंग्लादेश का निर्माण किया। इसी दिन पर आज बीर चंद्र सिंह गढवाली की प्रतिमा के सामने कांग्रेस जनों ने विजय दिवस मनाते हुए देश पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों और सैनिकों को याद कर नमन किया।
इसी गर्व के दिन आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व राज्यमंत्री, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी धीरेंद्र प्रताप की अगुवाई में उत्तराखंड प्रदेश की ज्वलंत समस्याओं की ओर प्रदेश सरकार का ध्यानाकर्षण के लिए सत्याग्रह स्वरूप बीर चन्द्र संघ गढ़वाली की प्रतिमा के सामने धरना दिया। इनमें प्रमुख मुददों के रूप में उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में रोज जंगली जानबरों के हमलों से मनुष्यों और मवेशियों को निवाला बनाने पर सरकार रोक लगाए, पर्वतीय खेती को जंगली जानबरों ( सुअर, बंदरो आदि ) नष्ट करने पर रोक लगाने की आवश्यक सरकारी ब्यवस्था की जाय, उत्तराखंड आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण कर 10% क्षेतिज आरक्षण लागू किया जाय।
इसके अलावा वक्ताओं ने अन्य मूलभूत समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि आवारा पशुओं से निजात दिलाने, महिला उत्पीड़न पर रोक लगाने, अंकिता हत्याकांड की CBI जांच कराने और जांच को ठंडे बस्ते के डालने के सरकारी प्रयास की आलोचना करते हुए प्रकरणों के तत्काल निस्तारण की मांग की।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने विजय दिवस पर 1971 के युद्ध मे बीरता का प्रदर्शन करने वाले 02 पूर्व सैनिकों कै0 सुरेंद्र सिंह नेगी और मोहन सिंह को साल ओढ़ा कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर पूर्वमंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, पूर्व राज्य मंत्री धीरेंद्र प्रताप एवम पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने सभी उपस्थित कांग्रेस जनों, उत्तराखंड राज्य आंदोलन कारियों को पर्वतीय अंचलों एवम उत्तराखंड के इन ज्वलन्त मुद्दों के निवारण के लिए एकजुट रहकर बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।