यमकेश्वर में तबाही का मंजर देखिये, त्रासदी के बाद लोग अपने टूटे घरों में जीवनयापन का सामान तलाश रहे,,,।

यमकेश्वर में तबाही का मंजर देखिये, त्रासदी के बाद लोग अपने टूटे घरों में जीवनयापन का सामान तलाश रहे,,,।
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यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल आपदा के बाद की तस्वीरे बया कर रही है कि 20 अगस्त की रात को यमकेश्वर के इन क्षेत्रों में बारिश ने कितना कहर बरपाया उस रात हुई मूसलाधार बारिश और बादल फटने से यमकेश्वर में बड़ी आपदा आयी। आपदा के बाद जो तस्वीरें सामने आयी हैं, वह बहुत ही भयावह हैं। अभी भी लोग डरे और सहमे हुए हैं। हालांकि यमकेश्वर में जिला प्रशासन आपदा क्षेत्र में जाकर निरीक्षण कर रास्ते खोलने और अन्य सेवाओं को जुटाने में मशक्कत कर रहा है।


जिलाधिकारी पौड़ी विजय कुमार जोगदण्डे और उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार तथा तहसीलदार मंजीत कुमार सहित पूरी टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा ले रही है। यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट स्वंय गॉव गॉव जाकर आपदाग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण कर रही है, लेकिन अभी व्यवस्थायें दुरूस्त करने में समस्यायें आ रही हैं।
यमकेश्वर ब्लॉक के अधिकांश गॉव में बादल फटने से जो तबाही का मंजर तस्वीरों में आ रहा है उसे देखकर प्रतीत हो रहा है कि वर्ष 2014 से ज्यादा भंयकर विपदा इस समय यमकेश्वर में देखने को मिल रही है। यमकेश्वर के हेंवल घाटी से लेकर त्याड़ो, तालघाटी और शतरूद्रा घाटी बहुत अधिक प्रभावित हुई है। यमकेश्वर के एक दर्जन से अधिक ग्राम सभाओं में आपदा का मंजर देखने को मिला है।


यमकेश्वर में सर्वाधिक प्रभावित गॉव, बॅूगा, वीरकाटल, पम्बा वल्ला, विनक, दिवोगी, बुकण्डी, मराल, सिगड्डी, बैरागढ, जिया दमराड़ा, पटना, गैंडखाल, पिलगडी, नौंगॉव आदि स्थानों में लोगों का काफी नुकसान हो गया है। जिला पंचायत गुमाल गॉव विनोद डबराल का मछली तालाब, ट्रैक्टर ट्राली, एवं अन्य सामान बह गया है। वहीं यमकेश्वर महादेव मंदिर का गेट बह गया है, एवं यमकेश्वर इण्टर कॉलेज को जोड़ने वाली पुलिया टूट गयी है, इसके साथ पंबा वल्ला के पनियाली में प्रेम सिंह के घर में ऊपर से मलवा आने से घर को काफी क्षति हो गयी है। वहीं भडेथ में मंदिर में काफी मलवा भर गया है। सिगड्डी एवं वीरकाटल गॉव में कई मकान टूट गये हैं, वह जगह जगह भूस्खलन हो गया है।


20 अगस्त की रात को हुई बारिश ने ग्राम पटना में भी भारी तबाही मचाई है, यहां पर गांव निवासी राजपाल सिंह नेगी का शौचालय बाढ़ के पानी के साथ बह गया है, साथ ही सुरेंद्र सिंह नेगी का शौचालय भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर टूट गया है। इतना ही नहीं बल्कि ग्राम पटना में मूसलाधार बारिश के कहर से खेतों की फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो गई है, कई खेतों के बीच में दरार पड़ने से खेत पूरी तरह ढह गए है। पटना गांव में बारिश का कहर कुछ इस तरह से बरसा है, कि पूरा गांव मुसीबतों का सामना कर रहा है। गांव में पानी की पाइप लाइन के साथ ही बिजली के खंबे भी उखड़ गए है। पाइप लाइन के टूटने से गांव में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई घर ऐसे भी है जहां बारिश के कारण मलवा घुस गया है, मलवा घुसने से घरों में रखा सारा समान बर्बाद हो गया है। लोग अपने घरों से मलवा साफ करने में जुटे हुए है।


क्षेत्र पंचायत सुदेश भट्ट ने बताया कि वीरकाटल में चारों ओर से संपर्क मार्गों से कट चुका है यहां पर बच्चे स्कूल जाने मे असमर्थ हैं गांव मे कई बुजुर्ग बीमार हैं लेकिन दवा लेने मोहन चट्टी अस्पताल तक भी नही जा पा रहे क्यों कि वीर काटल को जोडने वाला नाई गधेरा पुल पूर्ण रुप से आपदा की भेंट चढ चुका है व गांव को जोडने वाला बाकि रास्ता जिसे लॉक डाउन मे क्षेत्र पंचायत बूंगा के आह्वान पर ग्रामीणों ने श्रम दान से बनाया था लगभग 650 मीटर तक अपना अस्तित्व खो चुका है।

अभी अधिकांश सम्पर्क मार्ग टूट चुके हैं, जिस कारण लोगों को आने जाने में समस्या हो रही है। बिजनी छोटी गॉव का सम्पर्क मार्ग कट जाने से ग्रामीण आपातकालीन स्थिति में कैसे और कहॉ जाय इस चिंता में हैं, वहीं पूरी तालघाटी का सम्पर्क मार्ग काण्डाखाल खैराणा मोटर मार्ग, धारकोट जुलेड़ी मोटर मार्ग नौगॉव बुकण्डी मार्ग सभी जगह जगह से टूट चुके हैं। अभी तक कई गॉवों में जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की टीम निरीक्षण हेतु नहीं पहॅुच पायी है। अधिकांश जगह वाहन बह गये हैं, खेतों में मलवा आ गया है, और गौशाला से लेकर शौचालय आदि तक क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

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