सांसदों और विधायकों के खिलाफ द्वेषपूर्ण आपराधिक मामलों को वापस लेने में कोई हर्ज नही – सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली *** सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांसदों और विधायकों के विरुद्ध द्वेषपूर्ण आपराधिक मामलों को वापस लेने में कोई हर्ज नही है, पर संबंधित हाई कोर्ट को ऐसे मामलों का परीक्षण अवश्य करना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि राज्य सरकारों को मौजूदा या पूर्व सांसदों के विरूद्ध दर्ज मामलों को वापस लेने से पूर्व हाई कोर्ट की मंजूरी लेनी चाहिए,,,
चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा,चूंकि मामला जनप्रतिनिधियों का है,ऐसे में शक्ति के दुरुपयोग होने की आशंका रहती है।
यही वजह है कि हमने मामले वापस लेने के लिए विशेष शर्त लगाई है।न्यायमित्र और अधिवक्ता विजय हंसारिया ने कहा कि प्रत्येक मामले में तर्कपूर्ण आदेश हो सकता है,,,
मामला वापस लिए जाने का कारण दिया जाना चाहिए।इस पर चीफ जस्टिस ने कहा,हम सभी मामलों की जांच नही कर सकते।सरकारों को हाई कोर्ट में जाने दें, सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि मौजूदा सांसदों और विधायकों के विरूद्ध कोई आपराधिक मामला संबंधित हाई कोर्ट की मंजूरी के बगैर वापस नही लिया जा सकता है,,,।