छोटे बच्चे व अभिभावक स्कूल जाने व आने में पैदल चलने को मजबूर,,,।
आर्मी पब्लिक स्कूल क्लेमेन्टाउन, देहरादून के छोटे बच्चे व अभिभावक स्कूल जाने व आने में पैदल चलने को मजबूर,,,।
देहरादून/उत्तराखंड *** देखा गया है कि आर्मी पब्लिक स्कूल क्लेमेन्टाउन, देहरादून मेें पढ़ने वाले बच्चों को उनके अभिभावकों द्वारा दो पहिया वाहन, कार,ई रिक्शा आदि से स्कूल छोड़ने व छुट्टी होने पर 300-400 मीटर पैदल जाना आना पड़ता है।इनको स्कूल से काफी पहले एयर फ़ोर्स सलेक्सन बोर्ड के गेट के सामने ही रोक दिया जाता है,तथा पैदल चलने को कहा जाता है।जिससे बच्चों व उनके अभिभावकों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। पैदल जाने आने में बच्चों के कंधे पर 10-15 किलोग्राम का भारी भरकम बोझ लदा होना,भीष्ण गर्मी का प्रकोप, बरसात के दिनों में बारिश में भीगकर आना जाना आदि परेशानी महसूस की जाती है।यही स्थिति स्कूल की छुट्टी के वक्त भी नजर आती है।इसका मुख्य कारण उस सड़क का सकरा होना,आगे पार्किंग की जगह कम होना के कारण व्यवधान पैदा होता है।
इस समस्या का एक ही समाधान नजर आता है कि इस सड़क को स्कूल टाइमिंग पर वन वे किया जाये,आर्मी पब्लिक स्कूल से नीचे की तरफ मुड़कर स्टेशन हेडक्वार्टर होते हुए मुख्य गेट के बैरियर से खोल दिया जाये तो समस्या का अन्त स्वाभाविक हो जायेगा। ये सर्कुलर सड़क की तरह काम करेगा।ये व्यवस्था सिर्फ स्कूल खुलते समय व छुट्टी के समय ही आधा घंटा के लिए लागू हो।बाकी यथावत रहने दिया जाये।इस सर्कुलर रोड़ के खोलने से समस्या जड़ से समाप्त हो जायेगी। अभी इस व्यवस्था बनाने में 5-6 ,जवान तैनात किए गये हैं, इस सर्कुलर रोड़ के खुलने से जवानों की तैनाती की कम आवश्यकता होगी।मानवता के नाते स्कूली बच्चों व अभिभावकों पर सहानुभूति व विनम्रता दिखाने की आवश्यकता है।अभी तक दो पहिया वाहन, कार,ई रिक्शा आदि को एयर फ़ोर्स सलेक्सन बोर्ड के गेट पर ही रोका जा रहा है।
इस समस्या से निजात पाने के लिए अभिभावकों का कहना है कि स्कूल खुलते व छुट्टी के समय इस कथित सर्कुलर रोड़ को खोल दिया जाये तो समस्या व बच्चो की परेशानी स्वयं हल हो जायेगी।कृपया सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।