भाजपा का पूर्व सैनिकों पर डोरे डालने,लुभाने की नजर का कोई असर नहीं पड़ने वाला है,,,।

भाजपा का पूर्व सैनिकों पर डोरे डालने,लुभाने की नजर का कोई असर नहीं पड़ने वाला है,,,।
Spread the love

देहरादून/उत्तराखंड *** भाजपा ने लोक सभा चुनाव में पूर्व सैन्य कर्मियों, सैन्य परिवारों, अर्द्ध सैन्य बलों व उनके आश्रित परिवारों को ,सैनिकों का बदलता मिजाज और सत्ताधारी पार्टी की पूर्व सैनिकों को रिझाने व लोक लुभावने भाषणों से बरगलाने के लिए उत्तराखंड में 48 जगहों पर कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है।लेकिन क्या है पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों की मांग और किसका करेगें समर्थन, इसका खुलासा किया है।टिहरी लोक सभा का विश्लेषण लोक तंत्र राष्ट्र में लोग राजा महाराजाओं की ही गुलामी क्यों करें?क्षेत्रीय मुद्दे, भू कानून, मूल निवास, देवभूमि का अस्तित्व, पर्यावरण, बेरोजगारी,अंकिता हत्याकांड, अन्य सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दे, पूर्व सैनिकों की ओ आर ओ पी विसंगतियां, 7th CPC,और अन्य सुविधाओं पर केन्द्र और राज्य सरकार की बेरुखी। इन सभी मुद्दों पर संघर्ष करने उतरे जुझारू समाजसेवी बॉबी पंवार को पूर्व सैनिक संगठन,उनके परिवार व आम जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है।

जब समय की नजाकत या अन्य किसी लोभ लालच व भय से राजनेता अपना दल बदल सकते हैं तो फिर जनता व पूर्व सैनिक अपना लोकप्रिय प्रतिनिधि क्यों न चुनें या पीछे क्यों रहे।जब पूर्वसैनिक पिछले एक साल से जंतर-मंतर, रामलीला मैदान, देश के विभिन्न भागों में प्रदर्शन कर रहे थे,तब भाजपा और गोदी मीडिया क्यों नदारद थी।हमने इतने मांग पत्र भेजे लेकिन सरकार का कोई एक्शन क्यों नहीं हुआ?जब गेंद आपके पाले में थी तो आपने पी एम से मिलना तो दूर शहीद स्थल से भी गिरफ्तार कर लिया। अब गेंद हमारे पाले में है,हम भी आपसे क्यों मिलें। फिर चुनावी लॉलीपॉप के लिए क्या?

यदि आपकी मंशा साफ व नेक थी तो आचार संहिता लगने से पूर्व हमारी 16 सूत्रीय मांगों पर कोई विचार, संशोधन, या कमेटी गठन करके पूर्व सैनिकों को नहीं बुलाया।अब आप केवल वोट बटोरने के लिए जगह जगह सम्मेलन कराने की बात करते हो। क्या हम use and through या डस्टबीन हैं?सैनिकों के वोट को केवल यूजर समझने की भूल का खामियाज़ा तो भुगतना ही पड़ेगा,तथा तैयार रहें।

K3 India

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *