दूधली में शहीद स्थल तोड़ने पर मचा बवाल गौरव सैनानी पूर्व सैनिको ने वन विभाग के साथ भू माफियाओं के मिली भगत के लगाये आरोप,,,।

दूधली में शहीद स्थल तोड़ने पर मचा बवाल गौरव सैनानी पूर्व सैनिको ने वन विभाग के साथ भू माफियाओं के मिली भगत के लगाये आरोप,,,।
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दूधली में फोरेस्ट व राजस्व की भूमि पर खुले आम भू माफियाओं द्वारा प्लाटिंग की तैयारी शासन प्रशासन नींद में मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम व राजस्व विभाग की टीम बिना फैसले के हुई गायब

देहरादून/उत्तराखंड *** देहरादून के दूधली के केमरी गांव में आज सैकड़ों गौरव सैनानी पूर्व सैनिकों और क्षेत्रवासियों द्वारा वन विभाग व राजस्व विभाग की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा मामला बीते कुछ दिनों पूर्व का है जब केमरी दूधली में सड़क किनारे एक भूमि पर जंगलात के फोरेस्टर द्वारा शहीद सैनिकों की याद में बनाई गई शहीद स्मारक को तोड़ा गया दूधली पूर्व सैनिक संगठन द्वारा कैमरी दूधली में काफी समय पहले सड़क के नजदीक एक शहीद स्मारक का निर्माण हुआ था जिसे फोरेस्टर द्वारा वन विभाग की भूमि बताकर तोड़ा गया ग्रामीणों का आरोप है कि भू माफियाओं द्वारा वन विभाग की मिली भगत से इस शहीद स्मारक को तोड़ा गया लेकिन उस समय फोरेस्टर द्वारा यह कहा गया कि वन विभाग अपनी भूमि चिह्नित करके तारबाड़ करेगा जिसमें कुछ भूमि राजस्व विभाग की भी है लेकिन कुछ दिन बाद ही वहां पर खुले आम भू माफियाओं द्वारा पुस्ता डालने व भरान का काम किया जा रहा है जिसके विरोध में दूधली पूर्व सैनिक संगठन द्वारा शासन प्रशासन के कई चक्कर लगाये गये लेकिन कुछ नहीं हुआ इसिलिए आज मौके पर राजस्व विभाग व वन विभाग की टीम को बुलाया गया लेकिन कुछ देर बाद बिना फैसला किये ये सभी मौके से भाग गये इस पर सैकड़ों गौरव सैनानी पूर्व सैनिकों , महिलाओं ने इसका जमकर विरोध किया एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सिंह राणा ने बताया कि जब वन विभाग की भूमि के एक छोर पर देश की सरहदों पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के स्मारक स्थल को तोड़ा गया तो वन विभाग की भूमि पर प्लाटिंग कैसे की जा सकती है आने वाले समय में इसी प्लाटिंग को जब हमारे आम जनता लोग खरीदेंगे तो की सालों बाद यह जमीन विवादित या राजस्व निकलेगी और सबका पैसा बर्बाद होगा।भू माफिया अपनी मोटी कमाई करके निकल जायेंगे आज उत्तराखंड में हर क्षेत्रों में यही हो रहा है। लेकिन हम उत्तराखंड सरकार से अनुरोध करते हैं कि इस मामले को संज्ञान में लिया जाय नहीं तो जंगल , नदी भी भू माफिया मिलीभगत से बेच दिए जायेंगे।जब शहीद स्थल नही हो सकता तो भू माफियाओं का कब्जा हम नहीं होने देंगे।आज इस मौके पर दूधली पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, सत्य प्रकाश डबराल, गिरीश जोशी, दिनेश नैथानी, मनवर सिंह रौथाण,विजय भट्ट, कुलदेव सिंह,मोहन सिंह, चेत्रपाल,रामेश्वर राणा, विरेन्द्र कंडारी,खुशाल परिहार,विक्रम कंडारी,देव सिंह पटवाल,विरेश भट्ट, विनोद सिंह आदि सैकड़ों पूर्व सैनिक व क्षेत्रवासी मौजूद थे, सैनिक बाहुल्य प्रदेश में मिलीभगत से भू माफियाओं द्वारा आज शहीदों के स्मारक पर भी उत्तराखंड में हमला हो रहा है। बड़ा दुर्भाग्य है।

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