संयुक्त मोर्चा के महासचिव सीताराम पोखरियाल ने अनिल बलूनी को नई पेंशन की समस्याओं से अवगत कराया, अनिल बलूनी करेंगे शीघ्र प्रधानमंत्री से पुरानी पेंशन के विषय पर गम्भीर चर्चा,,,।
पौड़ी गढ़वाल देहरादून उत्तराखंड में कहा जाता है कि जिस काम मे राज्य सरकार हाथ खड़े कर देती है वहां अनिल बलूनी काम आते हैं। शायद यही बात पेंशन वंचित भी समझ चुके हैं। लगातार राज्य सरकार के दरवाजे खटखटाने के बाद जब पुरानी पेंशन की आवाज़ सरकार तक नहीं पहुंची तो पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के सदस्य उत्तराखंड को समय समय पर नई सौगात देने वाले अनिल बलूनी के पास पहुंचे।
संयुक्त मोर्चा के महासचिव सीताराम पोखरियाल ने अनिल बलूनी को नई पेंशन की समस्याओं से अवगत कराया। मोर्चे के सदस्य व पदाधिकारियों ने बताया कि जिस प्रकार से बलूनी जी की चिंता निरन्तर पलायन के प्रति रही है उसको देखते हुए उन्हें समझना चाहिये कि पलायन रोकने में किस प्रकार से पुरानी पेंशन की बहाली एहम भूमिका हो सकती है। यदि सरकारी कर्मचारी ही सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन लेकर घर नहीं लौट पाएंगे तो गांव की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी।बलूनी ने मोर्चे को भरोसा दिलाया कि शीघ्र प्रधानमंत्री से इस विषय पर चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा।
प्रदेश के 80 हज़ार कर्मचारियो ने लोक पर्व इगास पर एक दीपक पुरानी पेंशन बहाली के नाम जलाया। संयुक्त मोर्चा के प्रदेश सलाहकार सुभाष देवलियाल ने कहा कि प्रभु श्रीराम के अयोध्या लौट आने की खबर 11 दिन बाद उत्तराखंड तो पहुंच गई पर रामराज्य आज तक उत्तराखंड नहीं पहुंच पाया। जहां कर्मचारी के पास बुढापे में पेंशन की चिंता है वहीं उसके परिवार के पास उसकी सेवानिवृति के बादगुज़ारे की चिंता।
कुमाउं मंडल महासचिव सुबोध कांडपाल ने कहा कि लोक पर्व और लोक संस्कृति के माध्यम से राज्य में गांव को बचाने की मुहिम भी है पुरानी पेंशन बहाली सँघर्ष। जब गांव लौटने की आस सरकारी कर्मचारी में रहेगी तब तक गांव आबाद रहेंगे ।पुरानी पेंशन लेकर जब रिटायर कार्मिक अपने गांव लौटता है तो गांव की अर्थव्यवस्था उसी पुरानी पेंशन आच्छादित फौजी और कार्मिक के कंधे पर आगे बढ़ती है।
गढ़वाल मंडल उपाध्यक्ष रश्मि गौड़ ने कहा कि इगास एक बड़ा और महत्वपूर्ण लोक पर्व है और देर से सही यह दीपावली का प्रतीक भी है। मगर कार्मिकों के जीवन को नई पेंशन रूपी अंधियारे से तभी निजात मिलेगी जब उनकी पुरानी पेंशन बहाल होगी।
उधमसिंह नगर से मोर्चे के पदाधिकारी मोहन सिंह राठौर ने कहा कि सरकार सम्भव है कि पुरानी पेंशन पर गंभीर न हो लेकिन कार्मिक के लिए यह जीने मरने का सवाल है और इस सवाल को हल करना सरकार के लिए अत्यंत जरूरी है। अन्यथा खामियाजा दोनो को भुगतना पड़ेगा।
जनपद नैनीताल के महासचिव छत्रपति पाण्डे ने कहा कि एक दीपक पुरानी पेंशन के नाम असल मे एक निरन्तर चलने वाला पुरानी पेंशन का जागरूकता कार्यक्रम है जिसके द्वारा कार्मिक लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग को सरकार के समक्ष रखते रहे हैं।