लैंसडौन नाम गढ़वाली शौर्य की पहचान है, बदल देने से इतिहास नहीं बदल सकता : मुजीब नैथानी (उविपा)
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने लैंसडौन का नाम बदलने का विरोध किया।
कोटद्वार/गढ़वाल *** उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा और संघ सरकार चलाने की बजाय पुरातन युग में देश को धकेलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को अपना पूरा ध्यान शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल, जंगल और जमीन पर देना चाहिए पर इन मुद्दों पर मोदी सरकार फेल है।
और कानून और व्यवस्था की स्थिति यह है कि बदमाश पुलिस पर ही फायर खोल दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस हिसाब से तो सरकार को एमबीबीएस, और इंजीनियरिंग समेत तमाम कोर्स बंद कर देने चाहिए क्योंकि वे अंग्रेजों की देन हैं।
उन्होंने कहा की मशकबीन भी अंग्रेजों की देन हैं तो क्या आज हम गढ़वाली अपने सामाजिक सांस्कृतिक जीवन से मशकबीन को अलग कर सकते हैं ?
मुजीब नैथानी ने कहा कि गढ़वाल रायफल्स का इतिहास ही लॉर्ड लैंसडौन द्वारा गढ़वाल रायफल्स की स्थापना को मंजूरी देने पर शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि अगर लॉर्ड लैंसडौन गढ़वाल रायफल्स बनाने की अनुमति नहीं देते तो दुनिया एक जाति के तौर पर हम गढ़वालियों की बहादुरी से परिचित न हो पाती।
गढ़वाल रायफल्स ने न केवल प्रथम विश्व युद्ध एवम द्वितीय विश्वयुद्ध में दुनिया को अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया वरन अन्य लड़ाइयों में भी अपनी वीरता का परिचय दिया है।
वरन गढ़वाल रायफल्स ने स्वतंत्रता सेनानियों पर गोलियां न चला कर सही मायनों में आजादी की लड़ाई को रेखांकित किया है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश गवर्नमेंट आशंकित थी कि क्या इतने छोटे से क्षेत्र से एक रेजिमेंट लायक सैनिक मिल सकेंगे तो लाट सूबेदार बलभद्र सिंह नेगी ने जंगी लाट रॉबर्ट्स और लॉर्ड लैंसडौन को इस बात की व्यक्तिगत गारंटी दी कि रेजीमेंट लायक गढ़वाली वीर देने की जिम्मेदारी उनकी खुद की होगी।
मुजीब नैथानी ने कहा कि गढ़वाली भाजपा की तरह अहसान फरामोश नहीं हैं कि जिनकी वजह से गढ़वालियों को अपनी खुद की पहचान मिली उन्हें उनका सम्मान न दे पायें।
उन्होंने जब तक गढ़वाल रायफल्स का नाम रहेगा तब तक लाट सूबेदार बलभद्र सिंह नेगी, जंगी लाट रॉबर्ट्स और लॉर्ड लैंसडौन का नाम आदर से लिया जाता रहेगा।