कोटद्वार: “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020” के अवसर पर दो दिवसीय ‘संकुल स्तरीय आचार्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० प्रशिक्षण वर्ग’ का समापन हुआ,,,।
कोटद्वार गढ़वाल ***आज बुधवार को रोहित अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर इ0 का0 उमरावनगर में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020” के अवसर पर दो दिवसीय ‘संकुल स्तरीय आचार्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० प्रशिक्षण वर्ग’ का समापन हुआ,
कार्यक्रम का शुभारंभ संकुल प्रमुख लोकेंद्र अंथवाल, रो०अ०स0वि0म0इ0का0 उमरावनगर प्रधानाचार्य कुंज बिहारी भट्ट व मे०सि०क०स0वि0म0इ0का0के प्रधानाचार्य चन्दन नकोटी व स0वि0म0इ0का0 सतपुली के प्रधानाचार्य देव सिंह डडवाल ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का समापन किया। विगत दिवस पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर सभी आचार्य वृंद ने सर्वप्रथम तंबाकू निषेध की शपथ ली। इसके पश्चात प्रथम सत्र में गणित, विज्ञान, सामाजिक, हिंदी एवं अंग्रेजी के आचार्यों ने आपने विषय की पाठ योजना का प्रस्तुतिकरण किया। द्वितीय सत्र में प्रशिक्षक रोहित बलोदी द्वारा आई०सी०टी प्रशिक्षण दिया गया जिसमें की उन्होंने आचार्यों को कम समय में आई०टी० टूल्स एवं एप्लीकेशन का प्रयोग करना बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आचार्य यदि स्वयं को अपडेट नहीं करता है तो समय के साथ वह बहुत पीछे रह जाएगा। उन्होंने आचार्य को मोबाइल के माध्यम से प्रेजेंटेशन एवं पीडीएफ बनाने के बारे में जानकारी प्रदान की तथा डिजिटल एजुकेशन के महत्वपूर्ण बिंदुओं जैसे मैनेजमेंट एंड इनोवेशन , इनोवेटिव एजुकेशन एवं इवोल्यूशन ऑफ एजुकेशन के बारे में जानकारी प्रदान की तथा विद्यालय में छात्र का डाटा को किन-किन प्रकार से संग्रहित किया जा सके इसके लिए शैक्षिक प्रबंधन तथा कार्यालय प्रबंधन की भी जानकारी प्रदान की । तृतीय सत्र में संकुल प्रमुख लोकेंद्र अंथवाल जी ने हेरिटेज एजुकेशन विषय पर आचार्यों का मार्गदर्शन किया उन्होंने भारत की प्राचीन विरासतों के बारे में जानकारी देते हुए नई शिक्षा नीति २०२० में प्राचीन विरासत के साथ नए विचारों को जोड़ने के बारे में बताया । तथा अंतिम सत्र में प्रशिक्षण के लिए आए सभी आचार्यों ने अपने अनुभव एवं आगामी बैठक हेतु अपने विचार प्रस्तुत किए। अंत में प्रशिक्षण वर्ग में आए आचार्य द्वारा हस्तलिखित पत्रिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर चार विद्यालयों के 61 आचार्य एवम आचार्या कार्यक्रम में उपस्थित रहे।