यमकेश्वर: यहाँ बड़ी तिमली में बकरियों के बाड़े पर बाघ का हमला, ग्रामीणों में भय का माहौल,,,।

यमकेश्वर: यहाँ बड़ी तिमली में बकरियों के बाड़े पर बाघ का हमला, ग्रामीणों में भय का माहौल,,,।
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राजेन्द्र सिंह नेगी की रिपोर्ट

यमकेश्वर /पौड़ी गढ़वाल *** यहाँ आये दिन बाघ के द्वारा पालतू मवेशियों पर हमले लगातार हो रहे है। यहाँ के ग्रामीणों का मुख्य रोजगार पशुपालन था वह भी बाघ के कारण लोग छोड़ने को मजबूर हो रहे है। लोग इतने दुःखी है कि उनकी भावनाओं को वन विभाग व उत्तराखंड सरकार मुँह फेर कर बैठी हुई है। अब तो घरों में आकर बाघ खूंटे पर बंधी गाय बकरी को निवाला बना रहे है। जिससे लोग भी भयभीत है कि जानवरो के चक्कर मे मनुष्यों पर भी हमला कर सकता है बाघ, वन विभाग के अधिकारियों को सूचित करने पर भी कोई कार्यवाही नही हो रही है। कि बकरी पलको ने अपने जानवरो को ओने पौने दामो पर बेचकर चुपचाप घर बैठे है। इससे पहले सदियों से लोग पशुपालन से अपने परिवार का पालन पोषण कर सुखी थे, लेकिन अब विकट परिस्थितियों में जीवन यापन करने को मजबूर है, खेती भी नही कर पा रहे क्योकि सुवर, व बन्दर, लँगूर खेती को चट कर जाते है। आखिर ग्रामीण करे तो क्या करे इसलिये पहाड़ो से पलायन का मुख्य कारण यह भी है।

कल की घटना का संज्ञान ले वन विभाग

यमकेश्वर में बाघ का आतंक, यमकेश्वर के ग्राम सभा तिमली बड़ी के रोशन सिंह के बकरे को बाघ ने गौशाला के अंदर ही अपना निवाला बना दिया, पहाड़ के लोग करें तो करें क्या लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर क्या करें और कहाँ जाय कहाँ गुहार लगायें, पहाड़ की सुध लेने वाला कोई भी नजर नहीं आता जंगली जानवरों का इतना ज्यादा खौफ हो रखा है कि लोगों के गौशाला के अंदर भी मवेशी सुरक्षित नहीं है, आज रोशन सिंह ग्राम तिमली बड़ी के गौशाला के अंदर घुस कर बाघ ने एक बकरे को अपना निवाला बना दिया, आये दिन बाघ तेन्दुए जैसे जंगली जानवरों का खौफ लोगों के मन मस्तिष्क में बैठ चुका है कि लोग ने अपने मवेशियों को सस्ते दामों में बेचने को मजबूर हो गये हैं लोगों का आय का साधन बन्द होने के कगार पर पहुंच गया है, जिससे उनको अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है शासन-प्रशासन भी इस संदर्भ में कोई ठोस कदम नही उठा रही है और अगर मुवावजा की बात करें तो उसमें कागजी कार्रवाई के इतने झंझट है कि अंत में पीड़ित हार मानकर बैठ जाता है शासन-प्रशासन को चाहिए कि कागजी कार्रवाई को भी सरल बनाये ताकि पीड़ित को ज्यादा भागम-भाग न करना पड़े,
रिपोर्ट राजेन्द्र सिंह नेगी तिमली छोटी

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