डाक विभाग पौड़ी को मिले नवनियुक्त डाक सेवकों के दस्तावेजों की विभागीय जांच में दो के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी मिले, दो डाक सेवक जांच का नाम सुनकर भाग खड़े हुए,,,।
पौड़ी गढ़वाल/उत्तराखंड ***ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पौड़ी के डाक विभाग को 165 डाक सेवक मिले हैं। इनमें 77 नवनियुक्त डाक सेवकों ने पौड़ी मुख्यालय में आमद कराई। पदभार संभालने के लिए लिखे जाने वाले पत्र में नवनियुक्त डाक सेवक हिंदी भी ठीक से नहीं लिख पा रहे हैं।
डाक विभाग पौड़ी को मिले नवनियुक्त डाक सेवकों के दस्तावेजों की विभागीय जांच में दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं। दोनों ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, जबकि दो डाक सेवक जांच का नाम सुनकर भाग खड़े हुए। ये मध्य प्रदेश के निवासी बताए जा रहे हैं।
विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चयनित चारों डाक सेवकों की नियुक्ति निरस्त कर दी है। ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पौड़ी के डाक विभाग को 165 डाक सेवक मिले हैं। इनमें 77 नवनियुक्त डाक सेवकों ने पौड़ी मुख्यालय में आमद कराई। पदभार संभालने के लिए लिखे जाने वाले पत्र में नवनियुक्त डाक सेवक हिंदी भी ठीक से नहीं लिख पा रहे हैं।
दो डाक सेवक ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे
शैक्षणिक दस्तावेजों में उनके अंक 96-97 फीसदी हैं। विभाग ने नवनियुक्त डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच शुरू की, तो डाक विभाग पौड़ी को दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं। दोनों यूपी के बिजनौर जिले के हैं, जबकि मध्य प्रदेश के रहने वाले दो डाक सेवक ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे।
उन्हें विभाग ने शैक्षणिक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देने और सभी दस्तावेजों की जांच की बात कही, तो वह दस्तावेजों की फोटो कॉपी कराने की कहकर गए, लेकिन लौटकर नहीं आए।
केस नंबर एक
अनिल कुमार यूपी के बिजनौर जिले में बमनोला, चांदपुर का रहने वाला है। उसने वर्ष 2014 में यूपी बोर्ड से 10वीं परीक्षा 97 फीसदी अंकों से पास की है। जिस पर उसका चयन डाक सेवक पद पर हुआ है। जांच में पाया गया कि जिस रोल नंबर का अंकपत्र अनिल कुमार का है, वह किसी दूसरे छात्र का है, जो बोर्ड परीक्षा में फेल हुआ है, लेकिन दोनों का नाम एक है। हालांकि, माता-पिता का नाम व जन्मतिथि अलग-अलग है।
केस नंबर दो
अंकुर यादव यूपी के बिजनौर जिले के ग्राम हुसैनपुर खासा, बसंतपुर का निवासी है। वर्ष 2013 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा 97 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। उसका चयन डाक सेवक के रूप में हुआ और सेवा के लिए पौड़ी डाक विभाग मिला। यहां शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच हुई, तो पाया गया कि चयन में जो अंकपत्र अंकुर ने विभाग को दिया, उस अंकपत्र में दर्ज रोल नंबर पर यूपी बोर्ड में वास्तविक तौर एक महिला पंजीकृत है और वह फेल हुई है।
केस नंबर तीन
मध्य प्रदेश के धोबीसारा कुरई के निवासी पंकज और मसाण गांव के निवासी उदय का चयन भी डाक सेवक के रूप में हुआ है। नियुक्ति डाक सेवक पद पर होकर, तैनाती डाक विभाग पौड़ी में हुई है। दोनों ही पदभार संभालने पौड़ी पहुंचे, लेकिन विभाग द्वारा शैक्षणिक दस्तावेजों के जांच की बात सुनकर बिना ज्वाइनिंग दिए ही लौट गए हैं।
32 की भेजी विभागीय अधिकारियों को रिपोर्ट
ग्रामीण डाक सेवक पद पर बीते वर्ष चयनित 32 कार्मिकों का विवरण विभागीय अधिकारियों को भेजी गई है। डाक अधीक्षक पौड़ी दीपक शर्मा ने बताया, जुलाई-2023 में पौड़ी डाक विभाग को 98 डाक सेवक मिले थे। जिनमें यूपी, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के नियुक्त कार्मिकों की विभाग के उच्च अधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी थी। पौड़ी में 32 कार्मिक बाहरी राज्यों के थे, जिनकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है।
डाक विभाग पौड़ी को मिले डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच चल रही है। यूपी के रहने वाले दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं। मध्य प्रदेश के रहने वाले नवनियुक्त दो डाक सेवकों ने शैक्षणिक दस्तावेजों के जांच की बात कहने पर ज्वाइनिंग ही नहीं दी है। विभाग ने चारों की नियुक्ति निरस्त कर दी है। –दीपक शर्मा, डाक अधीक्षक, मुख्य डाकघर पौड़ी