नदी किनारे बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त, सदमे से एक की मौत,,,।

नदी किनारे बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त, सदमे से एक की मौत,,,।
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देहरादून/उत्तराखंड *** एमडीडीए ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त कर दिए। पास की बस्ती में हो रही तोड़फोड़ सोनम को गहरा सदमा दे गई। तबीयत बिगड़ी और कुछ ही समय में 25 वर्षीय सोनम की मौत हो गई। बस्ती में महिला की मौत के बाद आज लोगों ने सड़क पर जाम लगाया।

पुलिस ने 3-4 लोगो को हिरासत में लिया है। पाई-पाई जोड़कर नदी किनारे सरकारी जमीन पर आशियाने बना तो दिए, लेकिन जब कार्रवाई के दौरान घर गिरने लगे तो ऐसा लगा मानो उनके घर नहीं, बल्कि खुली आंखों के सामने उनके सपने टूट रहे हों।


इस दौरान बस्ती छावनी में तब्दील रही। भारी पुलिस बल के चलते विभिन्न संगठनों और लोगों का विरोध कार्रवाई को नहीं रोक पाया। करीब पांच घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान रोते-बिलखते और गुस्से का इजहार करते लोग कभी एमडीडीए तो कभी सरकार पर सवाल उठाते रहे। अधिकारी जांच के आधार पर तैयार की गई सूची का हवाला देते रहे तो लोग कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाते रहे।

पास की बस्ती में हो रही तोड़फोड़ सोनम को गहरा सदमा दे गई। तबीयत बिगड़ी और कुछ ही समय में 25 वर्षीय सोनम की मौत हो गई। सोनम की मौत से उसके पति आकाश पर मानो मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। सोनम अपने पीछे पांच साल की बेटी और चार माह का बेटा छोड़ गई।

वीर गबर सिंह बस्ती निवासी आकाश ने बताया कि पास की काठबंगला बस्ती में मकान तोड़े जा रहे थे। साथ ही उनकी वीर गबर सिंह बस्ती में पर्चे बांटकर निशान लगाए जा रहे थे। भारी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। यह देखकर सोनम घबराई हुई थी।

शाम करीब तीन बजे सोनम ने खाना खाया। इसी दौरान उनकी बस्ती में भी निशान लगाए जाने लगे। इस पर सोनम दूसरी बस्ती में मकानों को टूटते देख रोने लगी। आकाश ने बताया कि सोनम ने घर पर आकर रोते हुए उससे कहा कि अब हम कहां रहेंगे। तो मैंने उसे दिलासा भी दिया कि हम कहीं नहीं जाएंगे, यहीं रहेंगे, लेकिन वह गुमसुम हो गई और अचानक पीछे की तरफ लुढ़क गई। इसके बाद पास ही के एक डॉक्टर को बुलाया।

आकाश ने बताया कि डॉक्टर ने सदमे के कारण हार्ट अटैक आने के कारण मौत होने की बात बताई। सोनम की मौत से आकाश की मानो दुनिया उजड़ गई है। उसका कहना है कि मेहनत मजदूरी कर परिवार को किसी तरह पाल रहे थे। अब बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी भी उस पर आ गई है।

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